छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में करीब तीन साल के बाद एक बार फिर बड़ी भर्ती होने जा रही है। राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती पर लगे रोक को हटाते हुए 5853 पदों में भर्ती की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस तरह से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के पास पुलिस विभाग में नौकरी करने का सुनहरा अवसर मिलने वाला है। राज्य में बेरोजगार युवा पुलिस विभाग में भर्ती का लम्बे समय से इंतज़ार कर रहे थे। तीन साल के बाद राज्य सरकार एक बार फिर 5853 पदों में भर्ती की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सहायक आरक्षक के पद ख़त्म – दूसरी ओर सरकार ने गृह विभाग के साथ चर्चा के बाद सहायक आरक्षक (एसपीओ ) के पद को समाप्त कर दिया है। इन पदों पर सरेंडर करने वाले नक्सलियों और बस्तर के स्थानीय युवाओं की एक निश्चित वेतनमान में भर्ती की जाती थी। पूर्व में सहायक आरक्षक के 5850 पदों में से 4121 पदों में नियुक्ति कर दी गई है। अब सरकार ने रिक्त सभी 1729 पदों को समाप्त करने निर्णय लिया है। इसे लेकर भी राज्य सरकार को कोर्ट में कई बार फटकार पड़ चुकी है। सरकार ने इस नियुक्ति को ख़त्म करने कहा है।
राज्य में 10 हजार से अधिक पद रिक्त – ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 2 मई को पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों में नई भर्ती लगा दी गई थी। पुलिस में रिक्त पदों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई और कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने उक्त पदों में भर्ती की स्वीकृति प्रदान कर दी है। उक्त पदों में भर्ती के बाद राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 150 करोड़ के सालाना खर्च आएगी। फिलहाल उक्त पदों में भर्ती की स्वीकृति राज्य सरकार ने दी है है। अब बहुत जल्द विभाग द्वारा विभागीय विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
थल सेना , वायु सेना और नौसना में होगी 125364 पदों में संविदा भर्ती – सैन्य बलों में अब नए तरीके से भर्ती की तैयारी हो रही है , इसे टूर आफ ड्यूटी नाम दिया गया है। इसे कम बजट में युवाओं को रोजगार देने के इरादे से जल्द ही लांच किया जा रहा है। नए योजना के अनुसार अब सेना जैसे पदों में भी नियमित भर्ती के बजाय संविदा भर्ती होगी। इस भर्ती प्रक्रिया हेतु करीब दो साल से तैयारी चल रही थी। इस अभियान के तहत कम सरकारी खर्चे में एक निश्चित अल्पकालिक अनुबंध पर सैन्य बलों में अधिकारीयों और सैनिकों की बहाली की जानी है।
तीन साल की होगी सेवा – संविदा भर्ती होते ही सशस्त्र बलों में स्थाई भर्ती की अवधारणा में बदलाव की उम्मीद है ,नई प्रक्रिया में तीन साल की अंत में अधिकांश सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जायेगा। उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलेगी। माना जाता है कि कारपोरेट इण्डिया ऐसे प्रशिक्षित युवाओं के लिए नौकरी आरक्षित करने में रूचि रखती है , जिन्होंने अपने देश की सेवा की है। वही भर्ती हुए सेना में जिनकी प्रदर्शन बेस्ट रहेगी उन्हें आगे सेवा जारी रखने का अवसर दिया जाएगा।